दूसरे की चप्पल पहनने से क्या होता है ? ऐसा जानकारी कोई नही बतायेगा ध्यान से सुने – pradeep mishra ke upay
अच्छा अन्न अच्छा धन हमें अच्छी जगह तक ले जाता कभी-कभी किसी के पांव की चप्पल पड़ी हुई थी तुम्हारी चली गई मंदिर में से तुम दूसरे की पहन गए पहन तो गए चप्पल पहन के थोड़ी दूर गए थे और मालुम पड़े एक्सीडेंट हो गया खड्डे में गिर गए पांव टूट गया पांव में चोट लग गई तकलीफ आ गई कष्ट आ गया
दरवाजे पर चप्पल रखी थी कोई तकलीफ आ गई अब आप विचार कर रहे हो मैंने तो कभी किसी का बुरा करा ही नहीं फिर तकलीफ क्यों आई तकलीफ पाने का कारण केवल इतना था कि दूसरे के पांव की पादुका जिस पर काल मंडरा रहा था वह तेरे पांव में आ गई वो चली उसका दुख तुझे भोगना
उसका कष्ट तुझे भोगना है कोई दूसरा नहीं भोगे भोगना तुझे ही है शिव महापुराण की कथा कहती है तीन चीजों से दूर रहना दूसरे की तीन चीज हमारे पास नहीं आना चाहिए पांव की चप्पल जूता दूसरे नंबर पर छाता तीसरे नंबर पर मांग का टीका यह तीन चीजों से थोड़ी सी दूरी बनाकर चलना
इन तीन चीजों से थोडी दूरी किसी के पांव की चप्पल हमारे पांव में ना आए किसी के पांव की पादुका किसी का जूता चप्पल हमारे पास ना आए इसका स्मरण रखें किसी का छाते की छाव में आप बैठे मना नहीं है
छाता की छाव में बैठे मना नहीं है किसी के छाते की छाव में चले मना नहीं है पर किसी का छाता किसी का छत्र अगर बारिश में गर्मी में तुम्हारे घर पर आ भी गया है तो बहुत दिन तक तुम्हारे घर में नहीं रहना चाहिए वो छत्र तुम्हें वापस कर आना चाहिए किसी का छत्र किसी की पादुका और किसी का मांग का टीका अगर तुम्हारे मांग में आ गया है तो उसको कहीं ना कहीं आपको रखना चाहि कि जब कोई मरता है
मरने के बाद में जो बारहवे के दिन पंडित जी पूजन कराते हैं या 13 के दिन कराते हैं या दस वे के दिन कराते हैं तो उसमें पद दिया जाता है पद में छाता भी दिया जाता है चप्पल भी दी जाती है आसन भी दिया जाता है लोटा भी दिया जाता है इधर देते कि नहीं देते वो हमको नहीं मालूम बोलो सही है कि गलत उसमें चप्पल और छाता ये बहुत
जरूरी होता है क्यों क्योंकि इसमें काल होता है व्यक्ति का वो काल चला जा कभी किसी गुरुद्वारे में दर्शन करने के लिए गए हो तो गुरुद्वारे में अगर दर्शन करने जाओगे तो वहां आप भोजन करो लंगर चखो सब कुछ करो वहां गुरुद्वारे के बाहर या गुरुद्वारे के साइड में बड़े-बड़े व्यक्ति भी तुम्हारे पांव की पादुका चप्पल जूते की सेवा करते हैं कि साहब यहां जूता रख दो यहां चप्पल रख दो यहां
हम उठा कर दे देंगे उसका कारण क्या है उसका केवल एक कारण है जो पादुका की सेवा कर रहा होता है आए हुए भक्तों की चप्पल की सेवा कर रहा होता है वो अपने काल को अपने दुख को अपने कष्ट को सब मिटा बैठता है उनके चरण की रज को प्राप्त कर एक छाता चप्पल मांग का टीका ये इसमें काल की समावेश है इसमें काल है |