यदि किसी व्यक्ति की बीमारी समाप्त नहीं हो रही है तो बेलपत्र का करे ये उपाय – Pandit Pradeep mishra ke patra
आप बहुत हताश हो चुके हो बीमारी समाप्त नहीं हो रही या मेरा दुख या मेरी तकलीफें समाप्त नहीं हो रही कष्ट मेरे मिट नहीं रहे दुख मेरे समाप्त ही नहीं हो रहे तब बेल पत्री के जो बीच वाली पत्ती होती है और उस पत्ती के नीचे दो पत्तियां होती है और उसके नीचे दो पत्ती है इसके मध्य में जो डंडी है बेल पत्री के और यह दो पत्ती के बीच में जो डंडी रहती है बेल पत्री की बड़ी पत्ती पहले नंबर की पत्ती और उसके नीचे की दो पत्ति उसके बीच की जो डंडी
होती इस डंडी में चंदन का लेपन कर बीच की जो भाग है डंडी है इस बीच के भाग पर चंदन का लेपन कर सात दाने चावल के लेकर जब तुम्हें लग रहा है कि यह बीमारी समाप्त नहीं हो रही पकड़ के बैठ गई यह तो छूट नहीं रही डॉक्टर अपना काम करें या
कोई ऐसी बात है कि अदालत में कोई केस चल रहा है या प्रशासनिक कोई तकलीफ आ रही है या अपने घर में कोई व्यापार से जुड़ी हुई या कोई धन से जुड़ी हुई कोई प्रॉब्लम है और वह
समाप्ति नहीं है
तब यह बेल पत्री बेलपत्र इसके मध्य की जो डंडी इस मध्य की डंडी में चंदन लगाकर सात दाने चावल के लेकर आप जब द्वार में से मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं जैसे मंदिर का मुख्य द्वार है मुख मुख्य द्वार से मतलब शंकर जी को जब जल चढ़ाने के लिए हम लोग अंदर जाते हैं
उसके पहले नंदी आ जाता है नंदी के भी पहले का जो दरवाजा मंदिर का मुख्य द्वार उसको समझना अंदर प्रवेश करते उसके पहले चंदन लगी हुई बेलपत्र और सात दाने चावल के हाथ में लेकर नंदी के सीधे हाथ की ओर से मतलब आपका भी सीधा हाथ है तो नंदी का भी सीधे हाथ की ओर
से आप नंदी के कानों में अपनी बात को कहकर ये बेल पत्री और सात दाने चावल के ओम नमः शिवाय बोलकर या श्री शिवाय नमस्तुभ्यं कहकर डंडी का मुख अशोक सुंदरी की ओर हो और शिवलिंग पर उसको समर्पित कर दो चावल के दाने के साथ केवल दो या तीन सोमवार आप करेंगे धीरे-धीरे रोग में दवाई लगना प्रारंभ हो जाएगी और रोग समाप्ति पर जाएगा और आपका कार्य भी सफल हो दो या तीन सोमवार में ज्यादा हमको नहीं करना है |