प्रदीप मिश्रा के भक्तों के पत्र

प्रदीप मिश्रा के भक्तों के पत्र

शादी के 26साल बाद कैसे मिला संतान का सुख महाराज जी की कथा सुनने से जाने पंढरपुर के एक भक्त के पत्रसे – Pandit Pradeep Mishra Sehore |

प्रदीप मिश्रा के भक्तों के पत्र – pradeep mishra ke bhakton ke patr

बाबा के चरणों में मेरा प्रणाम स्वाति अनिल गौरव मैं पंढरपुर से 7 किलोमीटर दूर पर कोरटी गांव में रहती हूं मेरे गांव में स्वयंभू भोले बाबा का प्राचीन मंद मंदिर भी है और हम मंदिर की
सेवा में लगे रहते हैं मेरी शादी को 26 साल हो गए थे कितने साल जम के बोलो जरा मेरी शादी को 26 साल हो गए थे एक बार भी मेरे गर्भ नहीं ठहरा संतान नहीं हुई मेरी सहेली रोज आस्था चैनल पर शिव महापुराण की कथा लगाती है कथा सुनती है
वह कहती है तुम भी सुनो पंडाल में महाराज जी कथा सुनाते हैं लेकिन मैंने मेरी सहेली से कहा कि कथा सुनकर क्या संतान पैदा हो सकती है क्या कथा सुनने से क्या औलाद हो जाती है अगर ऐसा होता होता तो दुनिया में लोग केवल कथा ही सुनते रहते हैं
इसमें एक लाइन उन्होने पीछे जो लिखी है वह लाइन को जरूर पढ़ना मैं उसको पत्र को तो पढ़ूंगा पर इस लाइन को जरूर पढ़ो आप लोग चैनल पर भी पढ़ो गुरु जी मैं आपसे क्षमा मांगती हूं क्योंकि मैंने आप पर पहले कभी भरोसा नहीं किया था और भोले बाबा ने मेरी झोली भर दी तब मेरा भरोसा हुआ कि 26 साल बाद भी संतान हो सकती है
अब पत्र को देखिए मेरी सहेली ने कहा तू कथा सुना कर मैंने अपनी सहेली से कहा क्या कथा सुनने से औलाद पैदा होती है संतान होती है मैं अपनी सहली पर हंस दी और मैंने कह दिया ये फालतू की बात मत कर मैंने ना जाने कितनी जगह से गोदी भरवाई दवाई करवाई सारे डॉक्टरों को दिखाया पर संतान नहीं साधु संतों से भी मैंने झोली भरवाई बच्चा नहीं हुआ
मेरे पति गुरुजी आपकी कथा मोबाइल पर रोज समय मिलते ही सुनते थे मेरे पति ने मुझसे कहा तू एक बार दिल लगाकर मेरे साथ जोड़े से बैठकर टीवी के सामने बैठ और कथा सुन मैंने अपने पति से कहा जब इतने बड़े बड़े महाराज कुछ नहीं कर पाए उनका प्रसाद भी कुछ नहीं कर पाया तो क्या शिव पुराण की कथा कुछ कर देगी मैं नहीं मानती
यह सब चीजें मैं नहीं माना फिर भी मेरे पति ने जिद  पकड़ी और कहा चल शंकर जी के मंदिर चलते हैं सफेद  आंकड़े की जड़ ली तुमरुकेश्वर महादेव का नाम लेकर मेरे कमर पर बाँधी जब जड़ बंदी तो हम पति पत्नी ने दोनों ने बैठकर कथा को श्रवण किया मैं बाबा का क्या वर्णन करूं गुरुदेव शिव शिव है |
आपकी कथा नहीं स्वयं शंकर की वाणी है गुरुदेव बाबा की कृपा हुई जड़ बंधने के बाद मैंने पहली बार टीवी के सामने बैठकर कथा सुनी हमेशा आपका बहिष्कार करती थी लोगों को अपशब्द कहती थी क्यों उस महाराज के चक्कर में पागल हो रहे हो वह तो मूर्ख बनाने की मशीन खोल के बैठा है |
पर गुरुदेव आज मैं क्षमा चाहती हूं 26 साल के बाद मुझे बाबा ने संतान दे दी मैं यहां प्रणाम करने के लिए आए हूं बाबा को धन्यवाद देने के लिए आए देव सारे द्वार घूम लिए पर शिव का द्वार जैसा कोई द्वार नहीं आज पंढरपुर की भूमि बाबा के आने से धन्य हो गई मैं प्रणाम करती हूं मेरे बच्चे को आशीर्वाद दीजिये |

प्रदीप मिश्रा के भक्तों के पत्र – pradeep mishra ke bhakton ke patr |

प्रदीप मिश्रा के भक्तों के पत्र

T.V के सामने शिवकथा सुनकर बाबा से प्रार्थना करने से कैसे हुई मन्नंतपूरी जाने पुणेके एक भक्तकेपत्र से –

प्रदीप मिश्रा के भक्तों के पत्र – pradeep mishra ke bhakton ke patr –

प्रदीप मिश्रा के पत्र – 

श्री शिवाय नमस्तुभयम गौरी शंकर खड़गे मोबाइल नंबर मेरा यह है पुणे कात से गुरुदेव लॉकडाउन के समय पर इतनी तकलीफ रही जॉब चली गई थी सर्विस नहीं थी कई लोग कई महाराज लोग भी हमसे कहते हैं क्या शंकर जी पर जल चढ़ाने से या शिव जी का कोई उपाय करने से कुछ मिल सकता है |

हम महाराज के नाम तो नहीं लेंगे पर उनका भी विश्वास शिव पर नहीं था हमको बार-बार टोकते  थे क्या शंकर को जल चढ़ाने से या शिव की पूजन करने से ऐसा हो सकता है पर विश्वास दृढ़ होता है तो बाबा सुनता है नौकरी चली गई थी खाने पीने के भी तकलीफ जब आने लगी केवल |

एक बार शिव महापुराण की कथा टीवी के सामने बैठकर सुनी और बाबा से विश्वास रखकर भरोसा रखकर प्रार्थना करा तो खुद मेरा कोई लेटर नहीं था केवल एक फोन आया और मुझे जॉइनिंग मिल गई और मेरी नौकरी वापस लग गई

गुरुदेव मेरी बेटी जो शंकर जी को मानती नहीं थी पर शिवजी में उसकी रुचि बड़ी व neet  का exam दे रही थी निकल नहीं पा रही थी बेटी ने कहा मां मैं NEET का एग्जाम दे रही हूं क्या भोलेनाथ मुझे पास करेंगे मैंने बेटी से कहा सिहोर वाला महाराज कहता है कि मेहनत पूरी करो कर्म पूरा करो अपनी मेहनत में कोई कमी मत करो तो भोलेनाथ साथ जरूर देता है तू परीक्षा की तैयारी कर बेलपत्र में शहद लगाकर शिवजी को चढ़ा और फिर एग्जाम देने के लिए जा |

मेरी बेटी ने खूब मेहनत करी गुरुदेव जैसा आप कहते हो उसी अनुसार पर बिल पत्री में शहद लगाकर मेरी बेटी गई वापस लौट कर आई उसका रिजल्ट आया तो पहली लिस्ट में उसका कोई नाम नहीं आया जब पहली लिस्ट में नाम नहीं आया मेरी

बेटी उदास हो गई उसने कहा मां भोलेनाथ सुनते नहीं है मैंने कहा नहीं शिव की कथा कहती है कि सुनता है दूसरी लिस्ट आई उसमें भी मेरी बेटी का कोई रिजल्ट नहीं आया नाम नहीं आया मेरी बेटी तीसरी लिस्ट का इंतजार करती रही और

तीसरी लिस्ट जब आई तब मेरी बेटी प्रसन्न होकर कहती है मां मैं नीट के एग्जाम में पास हो गई और मेरे बाबा ने मेरी लाज रखी  गुरुदेव मैं तो आखिरी में बस यही कहना चाहती हूं कि लुटा दिया भंडार काशी वाले ने और कर दिया मालामाल काशी वाले में शिव सुनता है

बैठो बहन शिव सुनता है केवल आपका भरोसा दृढ़ रहना चाहिए आपका विश्वास डोलना नहीं  चाहिए जो भरोसे का पक्का होता है जो विश्वास का पक्का होता है शिव उसके साथ होता है आपका भरोसा कितना पक्का है आपका विश्वास कितना अड़िग है जितना विश्वास दृढ़ होता है उतना शिव आपके करीब में होता है |

प्रदीप मिश्रा के पत्र – pradeep mishra ke patr 

 

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