प्रदीप मिश्रा के पत्र

प्रदीप मिश्रा के पत्र

शादी के 20 साल बाद कैसे मिला संतान का सुख महाराज जी के बताये उपाय से जाने इस पत्र से – प्रदीप मिश्रा के पत्र

मेरा नाम बाबू पवार है गांव उंबर खेड़ ताड़ा तहसील कन्नड़ जिला छत्तीसगढ़ छत्रपति संभाजी हैं गुरुदेव मेरी लड़की

की शादी 2003 में हुई थी उसको संतान का सुख नहीं था एक बार बाबा ने संतान का सुख दिया भी तो मालूम पड़े वह संतान नहीं रहीं कोई संतान उसकी 20 साल में नहीं हुई बाबा हम बड़े दुखी हो गए

तब ऐसा कोई डॉक्टर नहीं जिसका इलाज ना करवाया बेद से भी इलाज करवाया झाड़ा फूकी वाले से झाड़ा फूकी भी कराया पर कोई फल नहीं मिला 15 साल तक हमने इंतजार करा कि संतान होगी पर नहीं हुआ 20 साल हो गए बाबा संतान का सुख नहीं आया

तब किसी ने कहा टीवी पर कथा आती है सुना करो हमने टीवी पर कथा सुनना प्रारंभ करी और बाबा की कृपा किसको कहते हैं गुरुदेव सफेद आंकड़े की जड़ का प्रयोग करा शिवजी पर चढ़े हुए जल को पीना प्रारंभ करा और पशुपति व्रत करा बाबा की कृपा से 20 साल बाद मेरे यहां पर बेटे का जन्म हुआ मैं बाबा को यहां नमन करने के लिए आई हूँ

एक लाइन उन्होंने लिखी है बच्चा लेकर आए हैं 20 साल बाद मेरे यहां संतान हुई है बाबा हमने अभी तक उसका नाम नहीं रखा हम चाहते हैं कि आप उसका नामकरण संस्कार भी करें श्री शिवाय नमस्तुभयं | 

pradeep mishra ke patra

दो भाइयों की कैसे लगी सरकारी नौकरी जाने जलगाँव की रहने वाली एक भक्त के पत्र से – प्रदीप मिश्रा के पत्र

श्री शिवाय नमस्तुभयं मेरा नाम सविता विकास पाटिल है मैं गांव बामूर राणिका तहसील पचोर जिला जलगांव की रहने वाली हूं पाचोरा से मैं बाबा का क्या गुणगान करूं मेरे दो बेटे हैं और दोनों बेटे कई एग्जाम देते थे पर किसी एग्जाम में निकल नहीं पाते थे मेरे बेटों ने आपकी शिव महापुराण की कथा टीवी पर सुनना प्रारंभ करा मेरे बेटों ने मुझसे कहा मां वह सीहोर वाला महाराज कहता है कि अगर शंकर पर विश्वास करा जाए

तो बाबा सब कुछ कर सकता है तो क्या हम दोनों भाइयों की नौकरी लग सकती है मेरी मां ने कहा अगर तू भरोसा कथा पर करता है ना और विश्वास शंकर पर करता है नौकरी जरूर लगेगी गुरुदेव हम संभाजी नगर की कथा में बाबा को बोलने के लिए प्रणाम करने के लिए गए चौथे दिन की कथा चल रही थी संभाजी नगर में हमने बाबा से वहां बैठकर दोनों बेटों ने और हम सब ने बैठकर बाबा से प्रार्थना करी और बाबा से निवेदन करा

जिस दिन मेरे बेटों की नौकरी लग जाएगी दोनों की सरकारी उस दिन मैं पंडाल में बैठकर कथा सुनूंगी और बाबा की कृपा से मेरा एक बेटा आर्मी में और दूसरा बेटा बीएसएफ में हो गया मैं बाबा को प्रणाम करने के लिए आई हूँ मेरे दोनों बेटों के फोटो लगा रही हूं जो मेरे बेटे दोनों नौकरी कर रहे हैं

श्री शिवाय नमस्तुभयं |

 

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