बेलपत्री के जड़ का ये उपाय करने से मिलेगी हर कार्य में सफलता -pradeep mishra ke upay
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं कि जब तुम्हें लगता है कि तुम्हारा व्यापार नहीं चल रहा कोई तुम्हे धोखा दे रहा है लक्ष्मी नहीं आ रही बहुत चिंता में पड़े हुए हो बहुत टेंशन में जिंदगी चल रही है बहुत बीमारियां ने घेर लिया है और चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा है तुमने विचार करा अब मैं तो मर जाऊं तो अच्छा है सुसाइड कर लूं तो अच्छा मरने से पहले एक काम कर कर देखना था
शंकर भगवान की आराधना कर कर देखना एक लोटा जल चढ़ाकर देखना और ज्यादा चिंता ज्यादा टेंशन हो तो बेल पत्री के जॉइंट को घिसकर उसका चंदन बनाकर शंकर को लेपन कर कर उसकी भी आराधना कर कर देखना कि वेल चंदन का फल क्या है था एक वेलपत्र यह कोई साधारण नहीं है
इसके नीचे के डंडे से लेकर दो पत्तियां जहां लगी है और दो पत्ती से लेकर यह बीच की जो पत्ती है उसमें जो गीत है उसमें जो जगह दिख रही आपको यह दो पत्ती से लेकर बीच की पत्ती के बीच में जो जगह खाली रहती है 33 कोटि देवी देवताओं विराजमान रहते हैं बीच की जगह में जब शिवजी को चढ़ाया जाता है तभी सती के बीच की जगह
शंकर के शिवलिंग पर रखा जाता है तो शिवजी इतने प्रसन्न
होते हैं कि मेरी स्तुति करने के लिए यह व्याख्या तैंतीस कोटि देवताओं को लेकर आया है मेरी पूजा करने के लिए लिए धन दोलत लाएं शंकर का भगत ऐसा होता है तो यह
बेल पत्री के रूप में तैंतीस कोटि देवताओं को चौसठ योगिनियों को आर्थिक शक्तियों को शंकर को समर्पित करता है जाओ कि भगवान के पास जाओ तो दिल से जाओ हदय से छल कपट को दूर कर कर शराबी और पाप तो इनसे भी सीखने का मौका मिलता है कि शराबी और सांप रोड पर टेड़े मेडे चलते हैं
कि हर धर्म में सीधे ही घुसते हैं शराबी और सांप से हमे ये सीखने को मिलता है यह रोड पर टेड़े मेडे चलते हैं पर घर में सीधे घुसते हैं उसी तरह संसार सागर मै तुम कितने भी टेड़े रहो पर महादेव के चरणों में सीधे ही बने रहना की मै तुम्हारा हु और न मै कुछ जानता हु ना तो मुझे पूजन आती है ना मुझे स्तुति जाती हैश्री शिवाय नमस्तुभ्यं यह शिव महापुराण इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं जानता ॐ नमः शिवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय |