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pradeep mishra ke upay

प्रदीप मिश्रा के उपाय

मात्र 5 सोमवार करें ये व्रत हर मनोकामना होगी पूरी –  pradeep mishra ke upay

 

एक पशुपतिव्रत होता था वह व्रत ऐसा है कि उस व्रत को पांच सोमवार करना चाहिए कोई से भी 5 सोमवार जिसमें तुम्हारी मर्जी हो कि ऐसा कौन सा काम है जो पशुपतिव्रत से नहीं हो सकता जब पशुपति अस्त्र मात्र भगवान राम के तरकश में रखे होने पर लंकाधिपति रावण के प्राण निकल सकते हैं तो जीवन मै कब कौन सा सुख है जो पशु पतिव्रत से प्राप्त नहीं हो सका पशुओं का नियम है

हमें पांच सोमवार करो पहले सोमवार को करो चाहे दूसरे सोमवार को करो जिस सोमवार को पशु पतिव्रत करो सुबह शंकर जी के मंदिर में जाकर पूजन करो अर्चना करो अभिषेक करो वहां थाली को लेकर वापिस घर में रखना सुबह फलाहार करो शाम को वापिस सिर्फ उसी थाली को लेकर जाओ उसमें 6 दिए लगाकर लेकर जाओ दिए को जलाना नहीं है केवल घी के दिए लेकर जाना है

थोड़ा सा मीठा शिव महापुराण में स्कंद पुराण में पशु पतिव्रत बताया है इसका विधान है थोड़ा सा मीठा लेकर जाए शिवजी की फिर पूजन करो पूजन करने के बाद हमें शाम के समय प्रदोष काल में पूजन करो पूजन करने के बाद आप बाबा भोलेनाथ की आराधना कर कर पांच दिए शंकर जी के सम्मुख में लगा दो जो मीठा लेकर गए हो उसके तीन हिस्से कर दिए जाए दो हिस्से मंदिर में चढ़ा दो एक हिस्सा और एक दिया थाली में रखकर पूजन करने के बाद वापिस लेकर आ जाओ

घर के दरवाजे की देहली पर सीधे हाथ पर जो दिया लेकर आए हो तो उस दिए को जला दो और अंदर जाकर जो प्रसाद लेकर आए हो एक हिस्सा उसको पाकर फिर भोजन प्रसाद ग्रहण करो ऐसे पशुपति नाथ के पांच व्रत रखते हैं कि ऐसा कौन सा कार्य है जो भोलेनाथ पूरा न करे दो श्री राम जी महाराज अगर सेतु पर चढ़ाई करने जा रहे हैं लंका पर तो भगवान शिव की आराधना कर कर जा रहे है

भगवान कृष्ण ने भी भगवान शंकर की आराधना करी भगवान शिव की आराधना है मेरा बेंगटेश भगवान  तिरूमाला के शिखर पर तिरुपति बालाजी विराजमान है तो पहले उन्होंने भगवान शिवजी से पूछा कि हम यहां बैठकर तब करना चाहते हैं आ जाएं भगवान शंकर ने कहा  आओ और तिरूमाला के शिखर पर एक तरफ साधना करो आपकी मर्जी पड़े वैसे निवास करो मेरे हुई ए मेरे तिरुपति नाथ मेरे बालाजी श्री व्यंकटेश भगवान कहते हैं

मेरे नारायण करते हैं भोलेनाथ हम यहां तब करेंगे दुनिया के लोग आएंगे तो क्या होगा शंकर भगवान लेकर चिंता मत करो आप हिमालय के शिखर पर बैठकर तब करना मैं कपिलेश्वर महादेव के रूप में बैठकर तुम्हारी रक्षा करूंगा अगर आप तिरुपति गए होंगे आपको मालूम होगा ऊपर तिरूमाला मेरे नारायण हैं तो नीचे कपिलेश्वर महादेव में
निरंतर बैठकर रक्षा कर रहे है

नाथद्वारा चले जाओ जब श्री जी बाबा के ऊपर आक्रमण किया गया है कि भोलेनाथ जी के ऊपर जब घनश्याम जी के ऊपर जब आप कमेंट किया गया गोवर्धन नाथ जी की मूर्ति को खंडित करने का भाव आया तब ब्रजवासियों ने शंकर भगवान को घास के पूले में दबाकर बेल गाड़ी में लेकर रात की रात भाग गए और श्री नाथ जी को लेकर जब आगे सब दूर घूम लिए श्रीजी बाबा को कहां रखें श्रीनाथजी को कहां रखें तब सब दूर घूमने के बाद मेवाड़ की भूमि में जब पहुंचे है

तो शंकर भगवान श्री जी बाबा ने कहा बता तो अब हम कहां रहे बार-बार घूम रहे कहां जाएं किस जगह तो आप बताओ कि भगवान शिव कहते हैं ठाकुर हे श्रीजी बाबा आप एक काम करो कि आप मेवाड़ की इसी भूमि पर रहो आप यहां रहोगे और हम एक लिंग जी के रूप में आपकी रक्षा करेगे कभी आप नाथ द्वारा जाकर देखना श्रीनाथजी में श्रीजी बाबा विराजमान हैं

और उनके पास में एक शिवलिंग के रूप में भगवान शंकर विराजमान है कोई ऐसी धारा कोई ऐसी भूमि कोई ऐसी जगह जहां शिव ना हो हर जगह सर्वस्व विराजमान है
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

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