घुटने और कमर के दर्द से निजात पाने के लिए करें बेलपत्री के जड़ का उपाय –pradeep mishra ke patra
जो बेलपत्री का पेड़ सूख गया ऐसा नहीं कि कोई बेल पत्ती के ताजे बेल बेल का या कोई अच्छा बिल्कुल हरा भरा पेड़ हो उसकी तुम जड़ निकालना ना जो पूर्ण तरह से सूख गया हो जो पेड़ आखरी में कहीं लोग लेकर जा रहे हो उसकी अगर जड़ मिल जाए तो वो जड़ बड़ी प्रदोष पांच प्रदोष या पांच शिवरात्रि शंकर के शिवलिंग पर लेपन या त्रिपुंड लगाना फिर उसको निकाल कर लाना उसकी गोली तैयार करना
15 दिन में एक बार उस गोली को भगवान शंकर का पटालेश्वर महादेव का नाम लेकर उस पर चढ़ाना प्रयास करिएगा शायद फरवरी की जो शिवरात्रि है वह 8 तारीख को होना चाहिए और मार्च की जो शिवरात्रि आएगी वो आगे उसका भी वर्णन आए 9 तारीख को यहां कथा विराम होगी और शिवरात्रि पड़ेगी आ तारीख यदि तुम्हें कहीं सूखे हुए जो वृक्ष पूर्ण तरह से सूख गया हो उसकी जड़ यदि तुम्हारे यहां रखी हो उसको घिसकर उसका चंदन बनाकर शिव का लेपन करना
शिवरात्रि के दिन उसको निकाल लेना उसके बाद उसको निकालकर उसकी गोली बनाकर पटालेश्वर महादेव का नाम लेकर उसको पाएगा अगली शिवरात्रि आए तो उसके पहले हमें सिहोर में पत्र जरूर भेजना कि तुम्हारी कमर या तुम्हारी घुटने में आराम लगा कि नहीं लगा तुम नीचे बैठ सकते हो नहीं बैठ सकते हो या चल सकते हो नहीं चल सकते वाकर से चलने वालों से भी निवेदन है टेकी लेकर चलने वालों से भी निवेदन है जो पड़े हुए हैं
पलंग पर उनसे भी निवेदन है एक प्रयास अवश्य करें इतनी टेबलेट खाते हो इतनी गोली खाते हो एक बार वो बेल पत्री की जड़ का लेपन करी उसकी गोली का स्मरण अवश्य करें
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
अशोक सुंदरी और बेलपत्री का ये उपाय जरूर करें –
एक कटोरी में पंचामृत बनाकर ले जाते हैं दूध दही शहद घी शक्कर ये सब मिलाकर यदि आप लेकर जाते हैं और ले जाकर भगवान शंकर के सामने समर्पित करते हैं एक बिलपत्री अशोक सुंदरी अभी तक आपने जो बेलपत्री चढ़ाई है अशोक सुंदरी के ऊपर दांडी का मुख जहां से पानी बहता है उसे ओर रखा जाता है
पर जब हमें ऐसा लग रहा है की हमारे पितृ भूखे हैं या हमारे पूर्वज प्यासे हैं या वो भाग नहीं मिल रहा इसलिए मेरा कोई काम नहीं हो रहा इसलिए शुभरात्रि नहीं हो रहा है तो यह बेलपत्री के भाग को बदल दिया जाता है ये बेलपत्री अशोक सुंदरी की जगह पर जब चढ़ाया जाता है तो यह पत्ती का जो भाग है
जहां से पानी बहता है उसी ओर रखा जाता है और ये दांडी का भट शिवलिंग की ओर रखा जाता है और यही पर भगवान शंकर को जो तुम पंचामृत बना कर लेकर गए हो वो पंचामृत चढ़ाया जाता है और वही पंचामृत थोड़ा सा शिवलिंग पर चढ़ा दिया जाता है उसके बाद में पितृ पूर्वज जल की आस नहीं रखते ना भोजन की आस रखते हैं क्योंकि शंकर उन को तृप्त कर देते है
अवश्य जानिए 4 पत्ती वाले की बेलपत्र का महत्व –
की पत्तियां होती हैं और कभी-कभी पांच बत्ती की वेल पत्री होती है हां कभी-कभी 6 पत्ती की भी होती है चार पत्ती की भी होती कि उस बेल पत्र का बड़ा महत्व होता है महाराज चार पत्ती कि अगर बेल पत्र मिल जाए तुम्हारा जो लकवा वाला शरीर होता है जिसके शरीर में लकवा लग जाता है उस व्यक्ति के शरीर वाले के लिए चार पत्ती की बेल पत्र शंकर भगवान पर समर्पित कर कर अवधेश्वर महादेव के नाम से 7 लोटा जल पानी साथ कलश पीले चंदन का जल शिव जी को चढ़ाया जाता है
चार पत्ती की बेल पत्र को वापिस उठा कर लेते हैं उसको धोकर जो लकवे का शरीर व मरीज होता है धीरे धीरे उस को चूर कर उस बेल पत्र को खिलाना प्रारंभ कर देते हैं धीरे-धीरे शरीर उसका काम करने लगता है जिसको लकवा लगा हो और प्रयोग कर सकता मैं इसी बेल पत्र की जो नीचे की दो पंक्तियां होती हैं इन दो पत्ती के लिए पहले भी वर्णन करा कि इन पत्र में भी है किसी माता को इंजेक्शन लगते इंसुलिन लगता था और बेल पत्री के सेवन करने से उनको अब इंसुलिन की जरूरत नहीं है
शुगर लेवल में और बेल पत्री की जो पत्ती होती है नीचे की दोनों पत्तियां कि इस पर केसर से आप चंदन का तिलक केसर का तिलक लगाने और भगवान शंकर का जो शिवजी के 13 बच्चे हैं शंकर जी के कितने बच्चे हैं तेरा उन 13 बच्चों में शंकर जी के पांचों लड़कियों का नाम जया, विषहरी , सांवली बारी ,दाउदी अली और देव यह शंकर जी की पांच लड़कियां हैं इन पांचों लड़कियों का नाम लेकर एक बेल पत्र को शिवजी पर समर्पित करना प्रारंभ कर दें
पांच या सात बिलपत्र लें उसको समर्पित कर दें उसको लेकर आएं जब बेलपत्र शुगर वाला व्यक्ति बीपी वाला व्यक्ति थाइरॉएड वाला व्यक्ति खाए तो एक बेलपत्र सबसे पहले नीचे की पत्ती को तोड़ ले जो नीचे की दो पत्नियां इसको तोड़ कर खाना प्रारंभ करें फिर आखरी में ऊपर की पत्ती को खाए तीन दिन लगातार करके देखिए शुगर लेवल में आ जाएगी शिव का स्मरण करिए यहां पर शंकर भगवान की पांच लड़कियों के नाम मत भूलना शंकर भगवान की पांच लड़कियां जो ऑप्शन है |
बेलपत्र का उपाय करने वाले जरूर सुने –
बेलपत्री की पत्ती है इस बेलपत्री की पत्ती को धोने के बाद भी साफ करने के बाद भी अगर बेलपत्री की पत्ती में कहीं चक्र रह जाता है या बेलपत्री की पत्ती में नीचे है गधा रह जाती है लूट रह जाता है और वो टूट वाली वह चक्र वाली बेलपत्र यदि हम समर्पित करते हैं तो उसका पुण्यात हमारे खाते में नहीं आता चक्र कैसा और गधा कैसी दूध कैसा बेलपत्री की पौधे की दांडी में से बेलपत्ति थोड़ी तो नीचे दूध ले जाता है
उसे झूठ को निकलकर रख दिया जाता अब चक्र की स्थिति क्या रहती है की बेल पटरी का जो पौधा होता है उस पौधे में किसी किसी पत्ते में एक जैसे कागज रहता है और कागज में चने का दाना रख दो और चने का दाना रखकर कागज को ढाबा दें तो उसमें फुंसी जैसा एक भाव उत्पन्न हो जाता है कभी-कभी आप लोगों ने देखा होगा उसमें उभरा हुआ भाग उत्पन्न हो जाता है जिससे बेलपत्री के पत्ते में जिस बेलपत्री के पत्ते में कहीं उभरा हुआ सा भाग अगर नजर आता है
जैसे दाने जैसा करना चाहता है या बेलपत्री का पत्ता नीचे से एक बिंदु जैसा उचक्तर सामने आ जाता है तो वो चक्र माना जाता है वो बेलपत्री शिव को समर्पित नहीं करी जाती और यहां तक शिव महापुराण की कथा कह रही है अगर आपके पास में नूतन कोई बेलपत्र नहीं है आप किसी जगह से बेलपत्र लेकर नहीं आए हो बेलपत्र आपकी थाली में नहीं है
पूजन की थाली में नहीं है शिव महापुराण यहां तक कहती है की शंकर भगवान पर चढ़ी हुई बेलपत्र उठाओ उसको धो और वापस उसको हाथ में लेकर देव- महादेव से अपने हृदय की बात कह कर वो बेलपत्र वापस शिव जी को समर्पित कर दो शिव उसको स्वीकार कर ले लेगा |
बेलपत्र का ये उपाय जरुर करे –
जो यह पत्ता होता है जिसमें ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों विराजमान होते है और 33 कोटि देवी देवता कभी मौका लग गया एक बेलपत्र का पत्ता अपने हृदय का भाव लेकर जब शिव मंदिर में जाओ शंकर भगवान को जब भी समर्पित करो तो पहले अगर कोई बहुत विषम स्थिति में फास्ट हुए बहुत कष्ट महफिल स्थिति मै हो फंसे हुए और निकलने के लिए एक बेलपत्री का पत्ता अशोक सुंदरी वाली जगह पर चढ़ा कर जल चढ़कर उसी को शिवजी पर चढ़ाया जाता है
और शंकर भगवान पर जल्द समर्पित कराया जो कलश में जले खुशी किस-किस जगह पर चढ़ाना है उसी पत्ते को पहले कहां चढ़ाना है थोड़ा सा जल चढ़ा दिया पत्ते को उठाया फिर शिवलिंग कैसे बचा अभी रखो जल चढ़ाना अगर कहीं विषम परिस्थिति में लगता है और इससे दलदल से बाहर निकलना है
तो उसके लिए शुभ सुंदरी वाली जगह जल फिर शिवलिंग पर बेलपत्र वही ज्यादा नहीं और फिर एक निवेदन करेंगे अगर आपका लैब से कोई बेलपत्र नहीं ले जा सकते हो आपके पास में बेलपत्र नहीं है शिवलिंग पर उठा लिया करो फिर उसी को धोखे वापस चढ़ा दिया