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Pradeep mishra ke upay

 

Pradeep mishra ke upay


शरीर मै चर्म रोग कैसे ठीक हुआ महाराज जी के उपाय से जाने 40 गाँव के पत्र से – Pradeep mishra ke upay |

Pradeep mishra ke upay 

श्री शिवाय नमस्तुभयं मेरा नाम सुनीता अशोक राजपूत मेरे दो बेटे हैं गुरुदेव दर्शन अशोक राजपूत और धीरज अशोक राजपूत गुरुदेव मेरे पांव में शरीर में पूरे में छाले पड़ जाते थे 5 साल से मुझे ऐसी बीमारी थी जिस बीमारी के कारण में बड़ी दुखी थी एक ऐसी बीमारी थी जिस बीमारी में मुझे चर्म का रोग था मेरा शरीर पूरा बेकार हो जाता था शरीर में फोले पड़ जाते थे! उससे पानी बहता रहता था और पानी के कारण शरीर में रोग हो जाता था

5 साल से ऐसा कोई डॉक्टर नहीं था जिससे मेरी दवाई ना चली हो सारे यहां से लेकर बॉम्बे तक डॉक्टर को दिखा लिया पर आराम नहीं लगा गुरुदेव किसी ने कहा था कि कथा के पंडाल में बैठकर कथा सुनने से रोग का निवारण होता है कभी विश्वास नहीं था कि कथा बैठकर सुनने से बीमारी चली जाती है क्या पर किसी के कहने पर पहली बार मालेगांव की कथा में मैं पहुंच गई विश्वास नहीं होता गुरुदेव ना मेरे बच्चे भरोसा करते हैं

कि ऐसा हो सकता है क्या कि कथा के पंडाल में बैठकर कथा सुनो और लोगों के शुगर बीपी और बीमारियां ठीक हो जाए ये कभी नहीं हो सकता मैंने भी प्रैक्टिकल करा मेरे बच्चों से कहा कि मेरे को मालेगांव जाना है वहां कुबरेश्वर धाम के महाराज जी आए हैं व कथा कर रहे हैं  उनकी कथा में जो पहुंचता है तो रोग निवारण होता है तो मुझे भी रोग निवारण के लिए पहुंचना हैं

मां तेरे शरीर में इतना सारा रोग तु नीचे बैठ नहीं सकेगी तेरे पांव में छाले रहते हैं शरीर में छाले रहते हैं और पूरा शरीर तेरा बेकार है 5 साल परेशान है क्या करेगी जाकर मुझे छोड़कर आ मालेगांव में। मुझे छोड़कर गए मैंने बैठकर कथा सुनी गुरुदेव मात्र दो दिन की कथा मैंने मालेगांव की सुनी और बाबा से विनती करी आज मैं बाबा को नमन करने आई हूं जो 5 साल की बीमारी थी मेरे बाबा ने धीरे-धीरे मेरे रोग को समाप्त कर दिया और मैं ठीक हो गई हूं मैं बाबा को प्रणाम करने आई हूं |



शादी के 20 साल बाद कैसे मिला संतान का सुख महाराज जी के बताये उपाय से जाने इस पत्र से – Pradeep mishra ke upay |

श्री शिवाय नमस्तुभयं मेरा नाम बाबू पवार है गांव उंबर खेड़ ताड़ा तहसील कन्नड़ जिला छत्तीसगढ़ छत्रपति संभाजी हैं गुरुदेव मेरी लड़की की शादी 2003 में हुई थी उसको संतान का सुख नहीं था एक बार बाबा ने संतान का सुख दिया भी तो मालूम पड़े वह संतान नहीं रहीं कोई संतान उसकी 20 साल में नहीं हुई बाबा हम बड़े दुखी हो गएतब ऐसा कोई डॉक्टर नहीं जिसका इलाज ना करवाया बेद से भी इलाज करवाया झाड़ा फूकी वाले से झाड़ा फूकी भी कराया पर कोई फल नहीं मिला

15 साल तक हमने इंतजार करा कि संतान होगी पर नहीं हुआ 20 साल हो गए बाबा संतान का सुख नहीं आया तब किसी ने कहा टीवी पर कथा आती है सुना करो हमने टीवी पर कथा सुनना प्रारंभ करी और बाबा की कृपा किसको कहते हैं गुरुदेव सफेद आंकड़े की जड़ का प्रयोग करा शिवजी पर चढ़े हुए जल को पीना प्रारंभ करा और पशुपति व्रत करा बाबा की कृपा से 20 साल बाद मेरे यहां पर बेटे का जन्म हुआ मैं बाबा को यहां नमन करने के लिए आई हूँ

एक लाइन उन्होंने लिखी है बच्चा लेकर आए हैं 20 साल बाद मेरे यहां संतान हुई है बाबा हमने अभी तक उसका नाम नहीं रखा हम चाहते हैं कि आप उसका नामकरण संस्कार भी करें

श्री शिवाय नमस्तुभयं

Pradeep mishra ke patra –

 

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