जन्म के समय एक छोटे बच्चे की जान कैसे बची महादेव की कृपा से जाने जलगाँव के एक पत्र से – pradeep mishra ke patra
श्री शिवाय नमस्तुभयं मेरा नाम मनीषा अशोक चौधरी है मेरे पति का नाम अशोक यादव चौधरी है मैं बरखेड़ी तहसील पाचोरा जिला जलगांव की रहने वाली हूं गुरुजी में मैं बाबा की महिमा का क्या वर्णन करूं 3 जनवरी 2024 को रात को 10 बजे हमारे घर में बड़े बेटे के यहां पर उसकी बहू के यहां पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई और डिलीवरी होने के बाद बच्चा रोया नहीं आधे घंटे तक बच्चे की स्वास नहीं चली आधे घंटे तक डॉक्टरों ने कह दिया
यह बच्चा शायद जीवित नहीं है ना तो यह बच्चा रोया है और ना बच्चे की स्वास चल रही थी ना बच्चा रोया ना उसकी शवास चली डॉक्टर के हिसाब से तो यह बच्चा धड़कन ही नहीं चल रही स्वास ही नहीं चल रही है तो ये बच्चा मरे के बराबर है डॉक्टर ने कहा फिर भी आप लोग रो मती इसको हम वेंटिलेटर पर रखते हैं 24 घंटे वेंटिलेटर पर रखा फिर भी बच्चे की धड़कन और स्वास का स्मरण नहीं था आखरी में डॉक्टर ने कह दिया इसका कोई सार तत्व नहीं
तब मेरा बेटा शंकर भगवान की कथा आपकी सुनता रहता है और कथा सुनता सुनता मेरा बेटा बोला मां तु चिंता मत कर मैं अभी महादेव को जल चढ़ा कर आता हूं 24 घंटे निकल गए महादेव को जल चढ़ाया जल चढ़ाकर वह पानी लेकर गए बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा था तो छूने नहीं दे रहे थे
पेटी में ऐसा बंद था पानी हमने सिस्टर को दिया और कहा यह उसके शरीर पर लगा दो सिस्टर ने कहा कैसे बेवकूफ हो किस ढोंग प्रपंच में फंसे हुए हो इस पानी को छोटे से बच्चे के लगाएंगे शरीर में तो अच्छा रहेगा मैडम एक बार तो इस बच्चे के शरीर में तमै ये जल लगाओ मेरा विश्वास करता है। मैंने वो सिहोर वाले महाराज की कथा सुनी है वो व्यासपीठ से कहता है
शंकर का चढ़ा हुआ जल औषधि का काम करता है आप ले तो जाओ सिस्टर को हमने पानी दिया पानी लेकर सिस्टर अंदर गई कपड़े भिगा हुआ कपड़ा ले जाकर उस बच्चे को लगाया और 15 मिनट बाद बच्चे ने किलकारी भरना प्रारंभ करी और रोना प्रारंभ करा और बाबा की कृपा से मेरा बच्चा 24 घंटे तक ना रोया ना धड़कन थी ना स्वास थी और बाबा की कृपा से अब मेरा बेटा ठीक है श्री शिवाय नमस्तुभयं |
बेटे की सरकारी नौकरी कैसे लगी जाने जलगाँव के पत्र से – pradeep mishra ke patra
श्री शिवाय नमस्तुभयं – मेरा नाम मुकाम हनुमंत खेड़े है ठीक है सीमा तालूका पारण डोल जिला जल गांव हैं बेलपत्र भी चढ़ाया मेरे बेटे ने आर्मी की भर्ती का एग्जाम दिया पर उसमें उसका नहीं हुआ हताश हो गया उसने कहा मां इतने समय से मंदिर जा रहा हूं कोई फायदा ही नहीं हुआ कोई लाभ ही नहीं
मैंने अपने बच्चे से कहा कि लाभ के लिए या फायदे के लिए शिव मंदिर नहीं जाइए सिहोर वाला महाराज कहता है मंदिर जाते रहो वह एक ना एक दिन कृपा जरूर करेगा मेरे बेटे ने फिर सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई करा मेरा बेटा बहुत हताश हो चुका था
पर मेरे बच्चे ने फिर अप्लाई करा और बाबा की कृपा से आज मेरा बच्चा गवर्नमेंट में बीएमसी की नौकरी में लग गया मैं बाबा को यहां दंडवत प्रणाम करने के लिए आई हूं बच्चों से निवेदन है अपने माता-पिता की सेवा आराधना अपने माता-पिता की सेवा जरूर करो
श्री शिवाय नमस्तुभयं |