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Pradeep mishra ke patra

pradeep mishra ke patra

इस पत्र से जाने एक भक्त के किडनी में पथरी कैसे ठीक हुई – Pradeep Mishra ke patra

मेरा नाम अभिषेक शर्मा है पिताश्री घनश्याम शर्मा मेरी माता का नाम मीना शर्मा है मैं बाबा सीहेस्वार नामक नगरी से आया हूं मेरी किडनी में 2 सालों से स्टोन था डॉक्टर बोल रहे थे की स्टोन ऐसी जगह पर है की किडनी को डैमेज कर रहा है किडनी को समाप्त कर रहा है आपकी कथा टीवी के मध्य से सुनी और बाबा के ऊपर कोई एक लोटा जल चढ़ाता और कुंडकेश्वर का नाम लेता है बेलपत्री उठाकर खाता है

शिवजी से कहता बाबा मेरी किडनी खराब हो रही है स्टोन पद गया है किडनी के दोनों साइड और बड़े-बड़े स्टोन हैं वो निकाल नहीं रहे मेरी किडनी डैमेज हो रही है बाबा समय की अवस्था में कहानी मुझे डायलिसिस की जरूर ना पड जाए बाबा लाज रखो और शादी के रूप में आपका जल दीजिए कुंडकेश्वर का नाम लेकर जल चढ़ता

गुरुदेव 1923 को मैंने रुद्राक्ष महोत्सव में जाने का विचार करा पर वहां पर कैसे जाता मेरे शरीर में दर्द बहुत तेज हो रहा था तो मैं नहीं गया मैंने बाबा से कहा बाबा आप कृपा करोगे ना तो भले हि रुद्राक्ष उत्सव निकल गया पर में रुद्राक्ष लेकर जरूर आऊंगा जिससे मेरी किडनी ठीक हो जाए बाबा के ऊपर जल चढ़ाता था उसको पीता इंफेक्शन बहुत ज्यादा था गुरुदेव तकलीफ पेट में बहुत थी

मैं बाबा का क्या गुणगान करूंगा मैंने बाबा को जल चढ़ाकर पीना चालू कर एक बेलपत्री खाना चालू कारी मात्र 8 दिन निकले और बाबा की कृपा ऐसी हुई की मेरी दोनों पथरियां बाहर निकल गई स्टोन दोनों बाहर निकल गए और मेरी किडनी सुरक्षित हो गई मैं बाबा को यहां धन्यवाद करने आया हूं

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम



बीमार हों और दवा काम न कर रही हो तो करें ये उपाय – pradeep mishra ke upay

कुंदकेश्वर महादेव एक नाम ही काफी है जो दवाई तुम्हारे शरीर को ना लगे जो औषधि तुम्हारे शरीर को ना लगे तुम्हे खाते खाते बहुत समय हो गया दवाई काम नहीं कर रही तुम्हे ऐसा लग रहा है कि मेरे ऊपर दवाई का असर ही नहीं हो रहा मैं तो ठीक ही नहीं हो रही तो

कुंद केशवर कुंदकेश्वर महादेव का नाम लीजिए कुंद दवाई वही डॉक्टर बस उस दवाई को कुंदकेश्वर का नाम लेकर खाकर देखिए वह दवाई असर करना प्रारंभ कर देगी हम तो यहां तक कहेंगे कभी प्रैक्टिकल कर देखना बहुत तेज फीवर है बहुत तेज बुखार है शिवजी पर चढ़ा हुआ जल एक वस्त्र गीला करा हुआ

कुंद केश्वर महादेव के नाम से उस गीले वस्त्र को जिसके शरीर में बहुत फीवर है उसके शरीर पर उस कपड़े को एक बार अच्छे से कुंद केश्वर महादेव का नाम लेकर फेर दीजिए आधा घंटा या एक घंटा लगेगा मेरा कुंद केश्वर महादेव फीवर को उतार ही देगा प्रैक्टिकल करके देखना कि सीहोर वाला महाराज झूठ तो नहीं बोल रहा प्रयास करते रहना चाहिए प्रैक्टिकल करते रहना चाहिए


अपना घर खरीदना चाहते हो तो ये उपाय शिवरात्रि पर कर लो – pradeep mishra ke upay

शंकर भगवान की शिवरात्रि साधना की रात्रि होती है शंकर भगवान की शिवरात्रि एक आराधना की रात्रि होती है हमने पहले भी कथाओं में कहा हर महीने शिवरात्रि आती है प्रत्येक महीने शिवरात्रि पड़ती है और प्रत्येक महीने की शिवरात्रि पर अगर आपसे बन सके आप दुनिया में अगर आपके पास में लोग कहे कि यह बहुत गरीब व्यक्ति है बहुत साधारण व्यक्ति है इसके पास धन नहीं है वैभव नहीं है सत्ता नहीं है

इसके पास खुद का मकान नहीं है इसके पास खुद की प्रॉपर्टी नहीं है इसके पास खुद की दुकान नहीं है दूसरे के यहां काम करता है इसके पास कुछ भी नहीं है हम
उनसे कहेंगे 12 महीने शिवरात्रि आती है पांच जगह पर चढ़ाई हुई बेलपत्र आप एक वर्ष 12 शिवरात्रि का एक नियम ले लो पांच जगह पर बेलपत्र समर्पित करना सीख जाओ एक बेलपत्र यह शिवलिंग य जलाधारी बहुत ध्यान से देखना ये चरण जहां से जल नीचे गिरता है

गणेश जी का स्थान कार्तिके जी का स्थान ये हस्त कमल माता पार्वती जी का हाथ हस्त कमल शिवलिंग भगवान शंकर का स्थान ऊपर से जो एक एक बूंद जल शिवलिंग के ऊपर गिर रहा है  एक मोटी सी लाइन है वो शंकर भगवान की छोटी लड़की क्या नाम है अशोक सुंदरी यह पूरे शिवलिंग का वर्णन पांच स्थान पर बेलपत्र 12 महीने की शिवरात्रि आप दूसरे के यहां काम कर रहे हो नहीं है

नौकरी नहीं है काम दूसरे के मकान में रह रहे हो खुद का मकान भी नहीं खुद का प्लाट भी नहीं खुद की प्रॉपर्टी भी नहीं बहुत संघर्ष की जिंदगी जी रहे हो ठेला धका रहे लरी चला रहे गाड़ी चला रहे ऑटो चला रहे अपने लिए करने का प्रयास करना घर में जितने सदस्य हैं 12 महीने शिवरात्रि आती है एक बेलपत्र अशोक सुंदरी वाली जगह पर डंडी का मुँह नीचे की ओर दूसरी बेलपत्र माता पार्वती जी के हस्त कमल पर यह दो पत्ती जो होती है

इस पत्ती के दो भाग शिवलिंग के बीच में हो तीसरी बेलपत्र भगवान शंकर के शिवलिंग पर डंडी का भाग आपके विपरीत दिशा में हो विपरीत दिशा चौथी बेलपत्र भगवान शंकर का जहां से जल बहकर जाता है जमीन पर जो जल बहता है जमीन प से जो जल बहकर जाता है चौथी बेलपत्र उस जमीन के जल पर जहां से वो पानी बहकर जा रहा है पूरे शिवलिंग को छोड़कर जहां से पानी जमीन पर बहकर जा रहा है

उस स्थान पर और पांचवी बेलपत्र नंदी का जो पांव ऊपर उठा हुआ है उस पांव के पास में पांचवी बेलपत्र समर्पित करना एक शिवरात्रि से लेकर 12 शिवरात्रि जो एक वर्ष तक कर लेता है एक वर्ष अपनी कड़ी मेहनत के साथ में मेहनत पूरी करना और यह पांच बेलपत्र पांच बेलपत्र हर महीने जो शिवरात्रि आती है उस परे समर्पित करना प्रारंभ कर दीजिए और मेहनत करना प्रारंभ कर दीजिए आपको आपके कर्म का फल मिलेगा साल भर के अंदर आप अच्छे बनकर बैठ सकते हैं

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