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Pradeep mishra ke patra

pradeep mishra ke patra

कोई काम बन नहीं रहा है तो जरूर पढ़े – pradeep mishra ke patra

दुनिया को प्रसन्न करने के चक्कर व्यक्ति गलत काम करता है पर यदि सही मार्ग दर्शक हो और सही मार्ग प्रशस्त करने वाला हो तो व्यक्ति फिर भटकता नहीं है फिर भटकेगा नहीं अगर सही मार्गदर्शक है तो

एक माता ने पत्र लिखा है कि मैं राजेंद्र गर्ग पत्नी रमेश कुमार गर्ग हम यहां के बासी पावर हाउस रोड भटिंडा के रहने वाले हैं गुरुजी मेरे पेट में दर्द रहने लगा हम लोग डॉक्टर के पास जांच करवाने के लिए गए तो जांच के बाद डॉक्टर ने हमें बच्चे दानी में तीन बड़ी बड़ी गठानों को बताया बच्चे दानी निकालने की नौबत आ गई डॉक्टर के हिसाब से ऑपरेशन करना जरूरी था और बच्चा दानी पूरी निकालना थी

गुरु जी घर वाले सब घबरा गए अब करें तो करें क्या तब किसी ने कहा कि शिवजी पर चढ़ा हुआ जल और अगर सिहोर का कोई रुद्राक्ष आपके पास में हो तो उसको पीना उसको तांबे के कलश में गलाकर उसका पानी शिव जी को चढ़ाकर पियो तब एक बेलपत्र शंकर भगवान को चढ़ाकर हमने खाना प्रारंभ करा डॉक्टर से हमने केवल 20 दिन मांगे कि हम 20 दिन बाद ऑपरेशन करा लेंगे डॉक्टर ने कहा

ऑपरेशन जल्दी कराओ क्योंकि यह ऑपरेशन जरूरी है और गठान कोई साधारण नहीं है बच्चादानी पूरी निकालना पड़ेगी 11 दिन तक हमने बेलपत्र खाया शिवजी पर चढ़ा हुआ जल पीना प्रारंभ करा और गुरुदेव जब हम दूसरी बार जांच कराने के लिए 11 दिन बाद हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने स्पष्ट कह दिया कि तुम्हारी गांठे गल गई है और बाबा की कृपा दृष्टि हो गई गुरुदेव हम यहीं भटिंडा के रहने वाले हैं

पावर हाउस रोड पर हमारा निवास है हम बाबा का क्या वर्णन करें गुरुदेव शिव शिव मेरा छोटा बेटा कभी भी शंकर के मंदिर नहीं जाता था शिव को नहीं मानता था पर हमारे कहने पर बाबा के मंदिर जाना चालू करा और बाबा को एक लोटा जल चढ़ाना प्रारंभ करा उसने एक ही बात कही थी मां अगर तेरा शिव पुराण सही है सत्य है और शंकर की कथा अगर सत्य है तो मेरी सरकारी नौकरी लगना चाहिए

और बाबा की ऐसी कृपा हुई गुरुदेव कि मेरी पेट की गठान बच्चा दानी की भी अच्छी हो गई और मेरे बाबा ने मेरे बेटे को सरकारी नौकरी भी दी मैं बाबा को यह धन्यवाद देकर एक बार दोनों हाथ उठाकर बोलो सारी समस्या का हल एक लोटा जल आप शिव को जो जल समर्पित कर रहे हो आप शंकर भगवान को जो एक लोटा जल दे रहे हो आप भगवान शंकर का जो गुणगान कर रहे हो

आप शिव भक्ति को जो धारण कर रहे हो सहज नहीं हो सकता वो सरल नहीं है हम तो यहां तक कहते हैं और आप प्रैक्टिकल जरूर करना सिहोर वाले महाराज पर इतनी जल्दी भरोसा मत करना घुटना में दर्द है कमर में दर्द है पीठ में दर्द है कहीं पर भी दर्द है जब कथा का विराम हो रहा हो कर्पूर गोरम हो रही हो आरती हो जाए तब जहां बैठे हो भले व दरी बिछी हो आसन बिछा हो जमीन हो वहां की थोड़ी सी रज क्योंकि जहां शिव पुराण होती है

वहां का कंकर भी शंकर हो जाता है उसकी रज हमारे शरीर पर जरूर ल सात दिन तक श्रवण करो भक्ति करो भजन करो ये अविरल भक्ति है देवराज चोरी का धन लेकर जा रहा था चोरी का धन ले जाते ले जाते देवराज इतनी ठंड पड़ गई इतनी ठंड पड़ गई इतनी शरीर में ताप हो गया बुखार आ गया जब बुखार आता है तो शरीर में ताप बढ़ती है तो भोजन छूट जाता है बुखार बढ़ता है भोजन छूट जाता है फीवर आया भोजन छूट जाता है

शरीर में ताप बढ़ा तो भोजन छूट गया और घर में जब पाप बढा तो भगवान का भजन छूट गया आपके घर में अगर भगवान की भक्ति हो रही है किसी को भी भज मना नहीं करेंगे तुम भगवान कृष्ण को भजते भजो राम को भजते भजो गुरु नानक देव जी का स्मरण करते हो करो गुरुद्वारे तक जाते हो जाओ शिव मंदिर तक जाते हो जाओ आप भगवान की भक्ति अगर धारण कर रहे हैं आपके भीतर अगर भगवान की भक्ति है

राम कृष्ण शिव की भक्ति है तो समझ लेना कि तुम्हारे घर में अभी पाप प्रवेश नहीं करेगा जिसके घर में पाप प्रवेश कर जाता है भजन बंद हो जाता है अभी पाप प्रवेश नहीं करा शरीर में ताप बढ़ता है तो भोजन छूटता और घर में पाप बढ़ता है तो भजन छूटता है

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 

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