कौन हैं शिव जी की बेटी अशोक सुंदरी ? जिनकी पूजा से 71 पीढ़ी का कल्याण हो जाता है – Pradeep mishra ke upay
अशोक सुंदरी कह रही है मेरा जन्म क्यों हुआ मेरे जन्म का कारण क्या क्यों प्रकट हुई मैं इस अशोक के वृक्ष से क्यों प्रकट कितना सुंदर कहा है माता पार्वती जी कहती हैं अशोक सुंदरी तेरे जन्म का केवल तुझे मैं शिवजी की गोदी में बिठाना चाहती हूँ शिव जी की गोदी में हां क्यों
पार्वती जी से अशोक सुंदरी बोल रही है कि आप मुझे शंकर जी की गोदी में बिठाना चाहती हो क्यों क्योंकि तू मेरी पुत्री है पिता की गोद में बेटी बैठे इसलिए मैं तुझे प्रकट कर क्यों किसलिए क्या कारण पार्वती जी ने कहा सुन अशोक सुंदरी दुनिया का कोई व्यक्ति कई लोग ऐसे हैं कि जो काशी तक नहीं पहुंच सकते और सुन अशोक सुंदरी 33 कोटि देवी देवता है उन 33 कोटि देवी देवताओं का पूजन स्त्री भी करती है और पुरुष भी करता है
जो नारी करती है जो पुरुष करता है जो बेटी करती है जो बेटा करता है उसका कल्याण होता है उसके परिवार का कल्याण होता है पर मैं चाहती हूं पार्वती जी कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि तू शिव जी की गोद में बैठे और शंकर भगवान की गोद में जब तू बैठेगी शंकर जी पर अगर कोई भूल से भी जल चढ़ा देगा तो सुन अशोक सुंदरी भूल से भी अगर कोई शंकर को जल चढ़ाए और वह जल जब बहता हुआ तेरे पास में से निकल कर जाएगा तो जल चढ़ाने वाले को जो जल चढ़ा रही है
चाहे वो स्त्री हो चाहे वो पुरुष हो वो अपने खुद का उद्धार तो करेगा ही साथ में अगर नारी जल चढ़ा रही होगी तो व अपने मायके की भी 71 पीढ़ी का कल्याण करेगी और ससुराल की भी 71 पीढ़ी का कल्याण करेगी कोई पुरुष अगर जल चढ़ा रहा होगा तो व
अपने नाना पक्ष का और अपने पिता पक्ष के 71 – 71 पीढ़ी का कल्याण कर लेगा केवल अशोक सुंदरी की साक्षी अशोक सुंदरी को प्रकट करने का केवल छोटा सा लक्ष्य नहीं था कि अशोक सुंदरी भगवान की बेटी बनकर गोदी में बैठ जाये उसका लक्ष्य क्या है गणेश जी को जल चढ़ाओगे केवल गणेश जी को मिला नारायण जी को जल चढ़ाओगे केवल नारायण जी को मिला राम जी को जल चढ़ाया केवल राम जी को मिला कृष्ण जी को जल चढ़ाया केवल कृष्ण को मिला राधा जी को जल चढ़ाया
केवल राधा जी को मिला देवताओं को जल चढ़ाया केवल देवता को मिला बृहस्पति को जल चढ़ाया तो बृहस्पति को मिला नव ग्रह को जल चढ़ाया तो नव ग्रह को मिला पर केवल एक देवदिदेव महादेव ऐसे हैं जिनको जल चढ़ता है तो केवल महादेव को नहीं 33 कोटि देवी देवताओं को प्राप्त हो जाता है केवल एक महादेव जिनका चढ़ा हुआ जल 33 कोटि देवताओं को प्राप्त होता है
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं